जिंदगी है बहुत थोड़ी सी इसे यूं न बेकार करो न इंतजार करो हसीन पलो का, न दुःख मे आंखे चार करो जो मिले साथ किसी अपने का, उसे यूं न इंकार करो हर दुःख की है सीमा यहाँ, हर मरज का इलाज यहाँ थम जाओ कुछ पल के लिए, थोडा इंतजार करो किसने देखा है कल यहाँ, व्यर्थ मे न विचार करो इन मिट्टी के पुतलो की ख़ातिर, खुद को न बर्बाद करो शोहरत का होता गुरूर जहाँ, ऐसे अहम से इंकार करो हस्तियां मिट गयी यहाँ, इतना न अभिमान करो सिलसिला चला जब मौत का, किसी को यहाँ दोशी न करार करो शामिल तो तुम भी थे, जरा अपने दिनो को याद करो प्रकृति से जो खिलवाड़ करो तो, मोत से न इंकार करो सबका हिसाब है दर्ज यहाँ, बचने का न विचार करो कुछ पाने की चाह मे, दुनिया न किसी की बेहाल करो सपने सजाओ इन आँखो मे तो, चश्मा न किसी का इस्तेमाल करो जिंदगी है बहुत थोड़ी सी इसे यूं न बेकार करो Written By Arnika Gupta